सुनहरी धूप 4 पाठ - 4 (पुष्प की अभिलाषा)

 

1. उचित विकल्प पर सही ✓ का निशान लगाओ।

क. चाह नहीं प्रेमी माला में
      चोटी   (  )                  झाड़ी  (  )                   माला (✓) 

ख. चाह नहीं सम्राटों के शव
      राजाओं (  )                सम्राटों (✓)                  वीरों  (  )

ग. मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
    पैसे  (  )                        कूल  (  )                      शीश (✓)

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-

मौखिक

क. पुष्प क्या करके भाग्य पर इठलाना नहीं चाहता?
पुष्प देवताओं के सिर पर चढ़कर अपने भाग्य पर इठलाना नहीं चाहता।

ख. पुष्प वनमाली से क्या कह रहा है?
पुष्प वनमाली से कह रहा है कि वह उसे उस पथ पर बिखेर दे, जिस पथ पर वीर सैनिक मातृभूमि की रक्षा के लिए आत्मबलिदान के लिए जा रहे हो।

ग. इस कविता के कवि का नाम बताओ।
इस कविता के कवि का नाम है - माखनलाल चतुर्वेदी।

लिखित

क. पुष्प किसके गहनों में नहीं गूॅंथा जाना चाहता?
पुष्प सुरबाला के गहनों में गूंथा जाना नहीं चाहता है।

ख. पुष्प किसे ललचाना नहीं चाहता?
पुष्प प्रेमी की माला में गुॅंथकर प्यारी प्रेमिका को ललचाना नहीं चाहता।

ग. पुष्प की क्या अभिलाषा है?
पुष्प की अभिलाषा है कि उसे तोड़कर वीरों के जाने वाले रास्ते में बिखेर दिया जाए।





About Gouri

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Please donot push any spam here.