निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटे न हिय को सूल।।
भारतेंदु हरिश्चंद्र
10 जनवरी का दिन सभी हिंदी प्रेमियों के लिए अहम है क्योंकि आज ही के दिन पूरी दुनिया में हिंदी दिवस मनाया जाता है।
कैसे हुई शुरुआत?
विश्व में हिंदी को प्रचारित-प्रसारित तथा हिंदी का विकास करने के उद्देश्य से विश्व हिंदी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन नागपुर में 10 जनवरी 1975 को आयोजित हुआ था इसलिए इस दिन को 'विश्व हिंदी दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
इतिहास
10 जनवरी 2006 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रतिवर्ष हिंदी दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। उसके बाद से 10 जनवरी 2006 को भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाया था।
उद्देश्य
विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना, हिंदी के लिए वातावरण निर्मित करना, हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता पैदा करना, हिंदी के प्रति अनुराग पैदा करना, हिंदी की दशा के लिए जागरूकता पैदा करना और हिंदी को विश्व भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है।
विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस में अंतर
विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस दोनों पूरी तरह से अलग हैं विश्व हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है जबकि राष्ट्रीय हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है।
14 सितंबर 1949 में संघ की विधानसभा ने हिंदी को अपनाया जिसे देवनागरी लिपि में संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में लिखा गया था।
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