* उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए।
* एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
* दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
* यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता ।
* सच को कहने के हजारों तरीके हो सकते हैं फिर भी सच तो वही रहता है।
* यदि संसार में कहीं कोई पाप है तो वह है दुर्बलता । हमें हर प्रकार की कमजोरी या दुर्बलता को दूर करना चाहिए। दुर्बलता पाप है, दुर्बलता मृत्यु के समान है।
* हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके।
* जो कुछ भी तुम को कमजोर बनाता है - शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक उसे जहर की तरह त्याग दो।
* हम जो बोते हैं वह काटते हैं। हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं।
* अपने आप पर विश्वास करो और दुनिया आप के चरणो में होगी।
* पूरा जीवन सपनों का उत्तराधिकारी है । मेरी महत्वाकांक्षा एक जागरूक स्वप्नदृष्टा होने की है, यही सब कुछ है।
* हर काम को तीन अवस्थाओं से गुजरना होता है - उपहास, विरोध और स्वीकृति।
* हम भगवान को खोजने कहां जा सकते हैं अगर उनको अपने दिल और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते।
* अनुभव ही आपका सर्वोत्तम शिक्षक है । जब तक जीवन है सीखते रहो।
* लोग तुम्हारी स्तुति करेगा या निंदा,
लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या ना हो,
तुम्हारा देहांत आज हो या युग में,
परंतु तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट ना होना।
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