धनतेरस का अर्थ, महत्त्व, कब और क्यों मनाया जाता है?

धनतेरस को धन त्रयोदशी या धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस के दिन से ही दीपावली के त्योहार की शुरुआत होती है।

धनतेरस का अर्थ

धनतेरस दो शब्दों से मिलकर बना है - धन + तेरस। धन का मतलब समृद्धि और तेरस का मतलब तेरहवां दिन होता है । धनतेरस यानी अपने धन को तेरह गुणा बनाने और उसमें वृद्धि करने का दिन।

कब मनाया जाता है ?

धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष (2021) धनतेरस का त्योहार 2 नवंबर 2021 के दिन मनाया जाएगा।

धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त

धनतेरस की शुरुआत मंगलवार, 2 नवंबर को होगी। 

पूजन का शुभ मुहूर्त शाम को 6:18 से 8:11 तक है। 

अभिजीत मुहूर्त 11:42 से 12:26 तक है।

गोधूलि मुहूर्त शाम 5:05 से 5:29 तक

धनतेरस पर अभिजीत मुहूर्त और गोधूलि मुहूर्त पर खरीदारी की जाती है।

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क्यों मनाया जाता है ?

शास्त्र के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरी अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए । भगवान धन्वंतरी विष्णु के अंश अवतार हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान धन्वंतरि की पूजा से आरोग्यता की प्राप्ति होती है क्योंकि क्योंकि भगवान विष्णु ने संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही धन्वंतरि का अवतार लिया था।

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धनतेरस का महत्त्व

हिंदू धर्म में धनतेरस को विशेष महत्व दिया जाता है। धनतेरस के दिन सोना, चांदी, पीतल और धातु के बर्तन आदि खरीदने से उन्नति के सभी रास्ते खुल जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन नई चीजें में घर में लाने से घर में मां लक्ष्मी और कुबेर का वास होता है और घर में धन की कमी नहीं होती।


धनतेरस पर क्या क्या खरीदें ?

* सोना या चांदी की वस्तु या सिक्के

* दक्षिणावर्ती शंख         

* नए बर्तन

* धनिया

* पीतल

* झाड़ू

* मिट्टी के बर्तन

* लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति जिसकी दिवाली के दिन पूजा की जाती है।

धनतेरस पर क्या ना खरीदे ?

* लोहे की चीजें 

* कांच का सामान

* शीशे से संबंधित वस्तुएं 

* काले रंग की वस्तुएं

* धारदार चीजें जैसे कैंची चाकू

* एल्युमिनियम के बर्तन

* कोई भी ऐसी वस्तु जिसमें तेल का इस्तेमाल होता है।


यमराज के लिए दीप दान का महत्व

मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में एक दीपक मृत्यु के देवता यमराज के लिए भी जलाया जाता है यह दीपक घर के बाहर ही जलाया जाता है ऐसा मानना है कि दीप दान करने से यमराज प्रसन्न होते हैं और उस परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु नहीं होती।

इस बार आप भी धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में यमराज के लिए दीप दान कर सकते हैं।

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