हिंदी कविता : शिष्ट हिंदी

 शिष्ट हिंदी

बड़ी विशिष्ट है यह है हिंदी।
थोड़ी क्लिष्ट है यह हिंदी।
परंतु, शिष्ट है यह हिंदी।
थोड़ी वक्र अवश्य है परंतु,रोचक है यह हिंदी।
रेल बनी लोह पथ गामिनी,
साइकिल बनी द्विचक्रिका।
टाई बने कंठ लंगोट,
स्टेशन बना लोह पथ गामिनी भक-भक अड्डा।
सिगरेट बनी धूम्रपान दंडिका,
कंप्यूटर संगणक और इंटरनेट अंतरजाल, वाह रे !हिंदी तेरी चाल।
मास्क को हिंदी में कहते हैं ,"नासिका मुख संरक्षण कीटाणु रोधक वायु छानक वस्त्र डोरी पट्टिका,
और बटन बन गया अस्त-व्यस्त वस्त्र को नियंत्रित करने वाली घंटिका।
रोबोट बना यंत्रमानव ,और एयर-पंप वायु ठूंसक यंत्र।
बड़ी विचित्र तेरी माया अद्भुत तेरा तंत्र।
हिंदी है भारत की बिंदी यही सुंदर मंत्र।






द्वारा अंजू जुनेजा प्रशिक्षित स्नातक शिक्षिका हिंदी 
केंद्रीय विद्यालय बेली रोड पटना प्रथम पाली।



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