सुनहरी धूप 5 पाठ - 2 (दया की जीत)

1. सही के लिए सही और गलत के लिए गलत लगाओ-

क. बच्चे ने नानी को कहानी सुनाने के लिए कहा।     (X)

ख. प्राचीन समय में शुद्धोधन नाम के एक राजा थे।   (✓)

ग. हंस को तीर लगा था।   (✓)

घ. तीर सिद्धार्थ ने चलाया था।  (X)

ड• राजा ने हंस देवदत्त को दे दिया।  (X)

  2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-

मौखिक-

क. राजा शुद्धोधन की पत्नी का क्या नाम था?

उत्तर - राजा शुद्धोधन की पत्नी का नाम माया था।

ख. राजा ने बच्चे के भविष्य को जानने के लिए किसे बुलाया?

राजा ने बच्चे के भविष्य को जानने के लिए राज ज्योतिषी को बुलाया था।

ग. सिद्धार्थ किसके साथ पढ़ता और खेलता था?

सिद्धार्थ अपने चचेरे भाई देवदत्त के साथ पढ़ता और खेलता था।

घ. अंत में हंस किसको मिला?

अंत में हंस सिद्धार्थ को मिला।

लिखित-

क. राज ज्योतिषी ने बच्चे के विषय में क्या कहा?

राज ज्योतिषी ने बच्चे के विषय में बताया कि यह बच्चा बड़ा होकर राजा तो बनेगा पर राजपाट छोड़कर मानव सेवा और जीव सेवा करना ही अपना धर्म समझेगा।

ख. सिद्धार्थ ने घायल हंस की देखभाल कैसे की?

सिद्धार्थ ने घायल हंस को गोद में लिया उसके शरीर से तीर निकाला और अपने अंग वस्त्र से कपड़ा फाड़ कर उसके घाव पर लपेट दिया।

ग. राजा ने सिद्धार्थ के हक में फैसला क्यों दिया?

राजा ने सिद्धार्थ के हक में फ़ैसला इसलिए दिया क्योंकि भक्षक से रक्षक महान होता है।

घ.  इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें जीवों पर सदा दया करनी चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए।







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